दुश्मनो की अब किसे जरूरत है
अपने ही काफी है दर्द देने के लिए
खामोशियां कभी बेवजह नहीं होती
कुछ दर्द ऐसे भी होते है जो आवाज़ छीन लेती है
हँसता हूँ पर दिल में गम भरा है
याद में तेरे दिल आज भी रो पड़ा है
मोहब्बत में हम उन्हें भी हारे है
जो कहते थे हम सिर्फ तुम्हारे है
ऐ ज़िन्दगी ख़त्म कर सांसों का आना जाना
मै थक चूका हूँ खुद को ज़िंदा समझते समझते