जल्द महसूस होगा तुम्हे,
कि मेरा होना क्या था,
और मेरा ना होना क्या है !
हे उपर वाले,
कोई एहसान करदे मुझपे इतना सा बता कर,
भुलाया कैसे जाता है दिल तोड़ने वाले को !
ऐसा नहीं है कि अब तेरी जुस्तजू नहीं रही,
बस टूट कर बिखरने की आरजू नहीं रही !
हम न पा सके तुझे मुद्दतो चाहने के बाद,
और किसी ने तुझे अपना बना लिया,
चन्द रस्मे निभाने के बाद !
वो पत्थर कहाँ मिलता है बताना जरा ए दोस्त,
जिसे लोग दिल पर रखकर एक दूसरे को भूल जाते हैं !
अगर तुम समझ पाते मेरी चाहत की इन्तहा,
तो हम तुमसे नही तुम हमसे मोहब्बत करते !
खुदा कभी किसी पे फिदा न करे,
अगर करे भी तो कभी कयामत तक जुदा न करे !
मेरे टूटे हुए दिल को तुम कैसे जोड़ दोगे,
मुरझाए हुए फूल को तुम कैसे खिलापाओगे !